UPPCS 2019 PYQ Mains General Studies 4
लगु उत्तरीय प्रश्न (125 शब्दों मे)
खण्ड अ
प्रश्न 1 मूल्य क्या हैं इनके केन्द्रीय तत्वों पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 2. सरकारी एवं निजा संस्थाओं में नैतिक सरोकारों को परिभाषित कीजिये।
प्रश्न 3. प्रशासन में सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार क्या है आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
प्रश्न 4. गाँधी के नैतिक एवं सामाजिक विचारों का परीक्षण कीजिए।
प्रश्न 5. सिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का मूल्यांकन कीजिए।
- अंतरात्मा
- सेवा भाव
- अनुशासन
प्रश्न 6. लोक सेवा की पहचान समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सहिष्णुता एवं करूणा पर आधारित होती है।
प्रश्न 7. अभिवृत्ति के प्रकार्यों की विवेचना कीजिए।
प्रश्न 8. निम्नलिखित में विभेध कीजिए
- अभिवृत्ति एवं मूल्य
- अभिवृत्ति एवं मत
प्रश्न 9. प्रभावी प्रशासन के लिये लोक सेवा के प्रति समर्पण आवश्यक होता है। व्याख्या कीजिए
प्रश्न 10. अभी हाल ही में आपने एक सरकारी संगठन के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। अपने कार्यालय में पहले ही दिन आप पाते हैं कि संगठन में कई अनियमितताएँ विद्यमान हैं, जैसे ः
- स्टाफ समय का पाबंद नहीं है।
- स्टाफ व्यर्थ बातचीत में अपना समय नष्ट करता है।
- जन शिकायतों पर कोई त्वरित कार्यवाही नहीं होती है।
- संगठन में सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।
- संगठन द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता निम्न स्तर की है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (200 शब्दों में)
खण्ड ब
प्रश्न 11. नीतिशास्त्र एवं नैतिकता में विभेद कीजिए तथा नीतिशास्त्रीय कार्यों के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
प्रश्न 12. काण्ट का नीतिशास्त्र आकारवादी एवं कठोरतावादी है। इस मत का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा नैतिक जीवन में काण्ट के नैतिक सिद्धान्त को महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
प्रश्न 13. लोक सेवकों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाओं की व्याख्या कीजिए। क्या अंतरात्मा उनके समाधान में सहायक होगी। विवेचना कीजिए।
प्रश्न 14. भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ क्या हैं समाज में उन्हे रोकने के लिए आपके अनुसरा क्या कदम उठाने चाहिए व्याखया कीजिए।
प्रश्न 15. प्रकरण
निशांत सामाजिक रूप े संवदेनशील, समाजवादी विचार के बुद्दिजीवा एवं प्रोफेसर हैं। वे अपने लेखों, भाषणों और मीडिया के माध्यम से सजदूरों, अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं एवं जनजातियों के स्वर को मुखरित करते हैं। एक पार्टी भी उन्हें अपने थिंक टैेक में रखे हुये है। इसी क्रम में व आवाह्नन करते हैं कि सम्म्राट जनों, प्रबुद्धों, राजनीतिज्ञों एव आधिकारियों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाना चाहिए। प्रवेश के महीनों में अभिजात्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने हेतु प्रयासरत हैं। अतः उनके इस कृत्य को आलोचना भी होती है, कि वे करते कुछ है और कहते कुछ हैं। अतः प्रश्न हैः
- क्या निशांत को भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में प्रवेश दिला देना चाहिए
- क्या निशांत को बौद्धिक विमर्श त्याग देना चाहिए।
- क्या उन्हे अपने पार्टी के लोगों को अपने समर्थन में खड़ा करना चाहिए
- या अपने बच्चे का प्रवेश अभिजात्य स्कूल में करा देना चाहिए। विवेचना कीजिए।
प्रश्न 17. भावनात्मक बुद्धि तत्वतः एक सैद्धान्तिक सम्प्रत्यय नहीं है, किन्तु बहुआयामी सामाजिक कौशन है। इस कथन के परिप्रेक्ष्य में भावनात्मक बुद्धि की अवधारणा तथा आयामों की व्याख्या कीजिए।
प्रश्न 18. सिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता की विवेचना एवं मूल्यांकन कीजियेः
- सत्यनिष्ठा
- निष्पक्षता
- वस्तुनिष्ठता
- गैर - तरफदारी।
प्रश्न 19. अभिवृत्तियाँ हमारे अनुभवों का परिणाम है। इस कथन के संदर्भ में अभिवृत्ति निर्माण हेतु उत्तरदायी कारकों की व्याख्या एवं मूल्यांकन कीजिए।
प्रश्न 20. एक जन सूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत एक आवेदन मिलता हैं। वांछित सूचना एकत्र करने के बाद उसे पता चलता है कि वह सूचना स्वयं उसी के द्वारा लिये गये कुछ निर्णयों से संबंधित है, जो पूर्ण रूप से सही नहीं थे। इन निर्णयो में अन्य कर्मचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्वयं उसके तथा अऩ्य सहयोगियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाई हो सकती है, जिसमें दण्ड भी सम्भावित हैं। सूचना प्रकट न करने पर या आंशिक सूचना उपलब्ध कराने पर कम दण्ड या दण्ड मुक्ति भी लिल सकती है।
जन सूचना अधिकारी एक ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति हैं, परन्तु जिस विशिष्ट निर्णय, जिसके सम्बन्ध में आर.टी.आई. में आवेदन किया गया है, वह गलत निर्णय है।
वह अधिकारी आपके पास सलाह के लिए आता है। ऐसी स्थिति में आप उसे क्या सलाह देंगे? तर्कपूर्ण ढंग से व्याख्या कीजिए।
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